Wednesday, October 30, 2019

श्री कृष्णा होटेल

मैं आपके सामने मिसल पाव की सिरीज रख रहा हूँ. मैं बहोत जगह घुमता हूँ और वहा के मिसल पाव की टेस्ट करता हूँ अगर मुझे वो अच्छी लगी तो मैं वो आपके सामने रखता हूँ. मैं ऐसे भी जगह जाता हूँ जहा की मिसल पाव प्रसिद्ध हैं.

मेरी यही कोशिश रहती है आपको अच्छी मिसल पाव कहा मिल सकती है उसके बारे मे सही जानकारी देने का मैं प्रयास करता हूँ. ताकि आप अपने परिवार के साथ उस जगह जाकर मिसल पाव खाने का आनंद ले सको. 




आज हम एक ऐसे होटेल के बारेमें जानने वाले है जो ६० साल पुराना हैं और वह होटेल बोरीवली पश्चिम मे है. यहा भी हम जिस डिश के बारेमें जानने वाले है वो डिश हैं मिसल पाव. 

यहाँ की मिसल थोडी अलग हैं. यहा मिसल मे रस्सा बहोत ज्यादा दिया जाता हैं. रस्से का स्वाद इतना बेहतरीन हैं की आपकी मुंह मे उसका स्वाद बहोत देर तक रहता हैं. आपने एक बार यहा की मिसल खा ली तो बार बार यहाँ आने का मन करेगा. 

मैं आपको बताना चाहूँगा आप यहा आकर एक बार मिसल पाव को खाईऐ आपको बहोत मजा आऐगा. आपको यहाँ आने के लिए  बोरीवली स्टेशन के पश्चिम मे आना है वहाँ स्टेशन के पास ही है. 

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Friday, October 25, 2019

वैशाली होटेल की मिसल पाव





वरली एक बहोत बडा क्षेत्र है. इस बडे क्षेत्र मे अगर देखा जाए तो बहोत सारे होटेल है. पर आज हम जानेंगे वैशाली होटेल के बारेमें जो वरली मे बीडीडी चाल नंबर १२ के पास हैं. 

इस होटेल के बारेमें जब मैंने जानकारी हासिल की तब मुझे पता चला ये होटेल ५० साल पुराना हैं. तब मेरे मन मे और उत्सुकता बढी यहा क्या क्या मिलता होगा...? कोनसी डिश बहोत प्रसिद्ध होगी? ऐसे सवाल मन मे आ रहे थे.

लोगोंसे बात करने के बाद मुझे पता चला यहा मिसल पाव बहोत अच्छी मिलती हैं. तो मैंने भी आँडर दे दिया. मुझे यहाँ की मिसल पाव बहोत अच्छी लगी. इस होटेल मे ज्यादातर लोग मिसल पाव खाने आते हैं. यहाँ अगर ५० लोग खाना खाने आये तो उस मे से ४० लोग मिसल पाव आँडर करते हैं इसिसे आप अंदाजा लगा सकते हो की ये मिसल पाव कितनी प्रसिद्ध हैं.

आप भी यहाँ आकर मिसल पाव की मजे ले सकते हो. अगर आपको यहाँ आना है तो वरली नाका आना है वहा से वरली बीडीडी चाल नंबर १२ आना है वही ये होटेल है. 

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Monday, October 21, 2019

स्पर्श लीला ( Sparsh Leela) Hotel वाशी नवी मुंबई







आज मै काम के सिलसिले मे वाशी आया था. वाशी मे एक होटेल है जो बहोत अच्छा है. जिसके बारे मे मुझे मेरे दोस्त ने बताया था. भूख लगी थी.. तो सोचा थोडी पेटपूजा हो जाये.

स्पर्श लीला होटेल बहोत बढा है! जब आप होटेल के अंदर जाते हो तो आपको उसकी अनुभूती आती है! मैंने इतना बढा होटेल स्टेशन के पास देखा नही था. होटेल भी बहोत पुराना है. मैंने यहा बिर्याणी आँडर किया था. बिर्याणी बहोत स्वादिष्ट थी. 

यहा बहोत सारे स्वादिष्ट भोजन मिलते है पर यहा ज्यादातर लोग चायनीज खाना पसंद करते है! मैंने देखा.. जितने भी लोग खाना खाने बैठे थे उसमेसे 70% लोग चायनीज खा रहे थे. तब मैंने वहा बहोत सारे लोगोंसे बात किया तब पता चला यहा चायनीज डिश बहोत अच्छी मिलती हैं! 

यहाँ पर ज्यादातर लोग आँफिस के आते हैं. यहाँ दोपेहर का खाना ज्यादा पसंद किया जाता है. यहाँ चायनीज डिश खाना ज्यादा पसंद किया जाता हैं! यहाँ विभिन्न प्रकार के चायनीज डिश मिलते हैं! सबने एक बार जरूर यहाँ आकर स्वाद को चखना चाहिए. 

मैं तो यही कहुंगा कि यहा पर एक बार आकर स्वादिष्ट भोजन का मजा ले. 

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Sunday, October 6, 2019

चिडीया....

दोस्तो आज मै आपको एक कहानी सुनाने वाला हूँ!
इस कहानी को अंत तक जरूर पढिऐगा आपको बहुत कुछ सिखने मिलेगा या यू कहूँ कि बहोत अच्छी सिख मिलेगी तो गलत नही होगा.



एक दिन चिडीया अपने बच्चों को जन्म देती है. वह एक पेड पर अपना घौसला बनाती है. और उस पर अपने बच्चों को रखती है. वह अपने बच्चों केलिए बहोत मेहनत करती है.  बहोत दुर जाकर अपने बच्चों केलिए खाना लाती थी. यह चिडीया रोज दुर तक जाती और खाना लेकर आती.

एक बार उस पेड ने चिडीया से कहा, "तुम कितीनी मेहनत करती हो अपने बच्चों केलिए"... उस पेड ने उसके मेहनत को देखकर उसे एक प्रस्ताव दिया. पेड ने कहा, "तुम इतनी दुर जाती हो खाना लाने केलिए उससे अच्छा है मे तुम्हे बहोत सारे स्वादिष्ट फल दिया करूंगा पर उसके बदले मुझे तुम तुम्हारे एक एक पंख देने होंगे".

ये प्रस्ताव चिडीया को अच्छा लगा या ये कहे ये deal चिडीया को जच गयी. और उसने ये प्रस्ताव मंजूर कर लिया. अभी रोज चिडीया अपना एक पंख पेड को देनी लगी और उसके बदले मे पेड उसे बहोत सारे फल दिया करने लगा. रोज एक पंख के बदले अब रोज ढेर सारे फल मिलने लगे थे.  चिडीया बहोत खुष थी क्योकी अब खाना लाने केलिए बहोत दुर जाना नहीं पडता था. उसे बैठे बैठे सब मिलने लगा था.

ऐसे बहोत दिन निकल गये.... और एक दिन चिडीया ने अपना आखिरी पंख पेड को दे दिया उस दिन उसे फल मिल गये. दुसरे दिन वो फल लेने पेड के पास गयी. पेड ने कहा, "मेरा पंख कहा है? चिडीया ने कहा पंख तो मेरे पास नही है  खतम हो गये सारे पंख. तो पेड ने जवाब दिया, अगर तुम मेरा पंख नही दे सकती तो तुम्हे कोई अधिकार नही इस पेड पर रहने का... "

मेरा प्रश्न आपसे  यह है.... क्या ये चिडीया आप तो नही?
आप भी जहा काम करते हो वहा भी आपका boss आपके जवानी रूपी पंख हर महीने ले रहा है और उसके बदले आपको फल यानी salary, Incentive दे रहा है!
और जब आप 55 साल के हो जाएंगे मतलब जवानी रूपी पंख खतम हो जाएंगे तो आपको काम से निकाला जाऐगा.

मेरा प्रश्न आपसे ये है.... क्या जाँब से हम अपने सपने पुरे कर पाते है?

क्या जितनी हम मेहनत करते है क्या उस मेहनत का हमे reward मिलता है?

क्या आज के मंहगाई के जमाने मे सिर्फ एक आय के उपर depend रहना सई है?

दोस्तो ईन सबके जवाब आपको ढुंढने है.... मै सिर्फ आपकी मदत कर सकता हूँ.

प्रदिप सावंत
8291710030